यूं तो मां-बाप,भाई-बहन और बाकी सभी रिश्ते जरूरी होते हैं, पर एक औलाद का अपनी मां से एक अलग ही रिश्ता होता है
, और इस रिश्ते को चार चांद लगाने की कोशिश *अवतार फाउंडेशन* ने हर साल *मदर्स डे* मनाते हुए किया है, लेकिन corona जैसी महामारी के कारण, *अवतार फाउंडेशन* के *अध्यक्ष - *उत्तम अग्रहरि* और सदस्य *डॉक्टर मनीष अग्रहरि*, *अमित अवतार* आज अपने घर में अपनी चहेती मां के साथ *उसी खुशी और उसी अंदाज* से *मदर्स डे* मनाने का एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं |
*मां* सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक एहसास है, मां एक ऐसी शिक्षिका है, जो हमें प्यार, निडरता और खुद पर विश्वास करना सिखाती है|
कभी-कभी तो मैं हैरान रहता हूं कि मेरी मां के सिर्फ़ दो हाथ हैं, लेकिन वो घर के इतने काम कैसे कर लेती है|
दोस्तों, हमें मां का दिल कभी नहीं दुखाना चाहिए,क्योंकि एक माँ ही है, जो हमारा फिक्र करना कभी नहीं छोड़ती,कह्ते है ना, *थक कर सोते वक्त एक माँ ही हैं फिक्रमंद होती है*|
अंत में मैं यही कहूंगा
*दर्द को जो भाप ले,आंसुओं को जो नाप ले*
*ऐसी होती है माँ* |
माँ एक बलिदान और समर्पण का तस्वीर है| आइए हम सब इस दिन को अपनी माताओं के लिए यादगार और कीमती दिन बनाएं|
मैं देश की सभी माताओं को इस महान दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं |
*हैप्पी मदर्स डे टू ऑल डिअर मदर्स*
अवतार फाउंडेशन
अमित अवतार ❤️