*स्वास्थ्य विभाग ने जांच के नाम पर की लीपापोती*

*स्वास्थ्य विभाग ने औपचारिकता के तौर पर की जांच*




*स्वास्थ्य विभाग ने जांच के दौरान कुछ हॉस्पिटलों की अनदेखी कर मरीजों की जान के साथ किया खिलवाड़*

लखनऊ स्वास्थ्य विभाग की जांच के दौरान कुछ गिने-चुने अस्पतालों पर छापामारी कर केवल लीपापोती ही की है यही कारण रहा कि कुछ गलियों में बैठे फर्जी डॉक्टर अपनी मनमानी कर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं दरअसल आपको बता दें कि डीएम के आदेश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम लखनऊ में हॉस्पिटलों की जांच करने के लिए पहुंचे कुछ हॉस्पिटलों में ट्रामा सेंटर के नाम पर दारु बीयर की बोतल मिली जिसके चलते सीएमओ ने सात फर्जी ट्रामा सेंटर सील करने का आदेश दिया पर सवाल यह है कि गलियों में हॉस्पिटल खोल कर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जानबूझकर सीएमओ व स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम ने गलियों के हॉस्पिटलों पर छापेमारी नहीं की स्वास्थ्य विभाग ने जांच के नाम पर औपचारिकता भर की और  जांच कर कुछ अस्पतालों पर सील लगाई कुछ गिनती के अस्पतालों पर  जांच की गई जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए चलती है तो कुछ डॉक्टरों पर फोन कर स्वास्थ्य विभाग के ही लोग अस्पताल क्लीनिक बंद करवा देते हैं जिसके चलते सीएमओ हॉस्पिटल की जांच नहीं करते और गरीबों की मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जिसके चलते यह हॉस्पिटल मरीजों से मनचाही पैसे वसूल करते हैं स्वास्थ्य विभाग जानकारी होने के बावजूद भी नजरअंदाज कर रहे हैं क्योंकि यहां से कुछ लोगों पर प्रति महीना रकम वसूली जाती है क्या स्वास्थ्य विभाग औपचारिकता के तौर पर जांच कर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं आखिर इनके खिलाफ कब कार्रवाई की जाएगी कुछ हॉस्पिटलों का तो रजिस्ट्रेशन भी नहीं है गलियों में बैठे कुछ हॉस्पिटल जैसे स्वास्तिक हॉस्पिटल है लेकिन इनके पास औपचारिकता के तौर पर डॉक्टर नहीं है भगवान भरोसे इन हॉस्पिटलों का चल नादुर्बर हो रहा है लेकिन जानबूझकर भी स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में होने के बावजूद भी इन हॉस्पिटलों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है जिसके चलते हॉस्पिटल गलियों में पनप रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां तक जाने पर अपनी मनचाही कर रहे हैं जिसके चलते यह हॉस्पिटल धड़ल्ले से चल रहे हैं क्या इन हॉस्पिटलों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई की जाएगी या यूं ही अपनी मनचाही कर मरीजों की जेबों पर डाका डाला जाएगा सबसे बड़ी बात यह है कि इन हॉस्पिटलों में डिग्री धारक कोई भी डॉक्टर अवेलेबल नहीं है फिर भी इन हॉस्पिटलों पर मरीजों का इलाज ऑपरेशन तक किए जाते हैं क्या स्वास्थ्य विभाग कोई बड़ी घटना होने का इंतजार कर रही है या फिर गलियों में बैठे हॉस्पिटल खोलकर झोलाछाप डॉक्टर अपनी मनचाही करते रहेंगे